श्री. नरेंद्र मोदी जी,
मै आपका एक हितचिंतक तथा प्रशंसक हूं ।
मै आपको एक स्ट्रॅटेजी बताना चाहता हूं ।
जब आप १७ तारीख को अनशन पर बैठोगे तो उस तीन दिन मे यह करके देखिये । स्टेज पे पहिले दिन एक मुसलमान मौलवी, एक ख्रिश्चन पाद्री, एक जैन मुनी, एक बौद्ध भिक्कु, एक हिंदू पंडित ऐसे सब धर्म के मुखियोंको हाजिर रखिये । उन्हे बतायिये की राजधर्म यह सबधर्मसमभाव होता है, ऐसे आप मानते है । जैसे रामकृष्ण परमहंस जी ने इस्लाम की तालीम लेने के समय खुद मुसलमान होके देखा था, ऐसे मै सब धर्म का अंगीकार करना चाहता हूं । इसलिये आप मुझे आपकी धर्म की शास्त्रोक्त दीक्षा दीजीये ।
फिर तीन दीन बारी बारी आप सभी धर्म का स्वीकार करे । इसके लिये जिस जिस धर्मके गुरुओंको जो जो विधी करने है वे आप उन्हे करने दीजीये । और उनसे घोषित करवाईये के आजसे आप उस धर्म के हो गये हो ।
इस कार्यक्रमसे आपके जो विरोधक है, जो हमेशा अटलजी का "राजधर्म नही निभाया" यह दाखला दे के आपकी निर्भत्सना करते है उनको करारा जवाब मिल जायेगा और साथही साथ हिंदुत्व यह एक सब धर्मोका मान रखनेवाला धर्म है यह भी हम लोगोंको बताकर सेक्युलर राजधर्म कैसा निभाते है उसका प्रमाण दे सकेंगे ।
विचार कीजीये ।
आपका
अरुण अनंत भालेराव
१८६/ए-१, रतन पॅलेस, गरोडियानगर, घाटकोपर ( पूर्व), मुंबई: ४००००७७
मोबाईल: ९३२४६८२७९२
ई-मेल: arunbhalerao67@gmail.com
idea is not bad, but after doing so, do u think change will come?
उत्तर द्याहटवानरेंद्र मोदीना सर्वधर्मसमभाववाद्यांचे सर्टिफिकेट मिळवण्याची आवश्यकता आहे असे मला वाटत नाही.
उत्तर द्याहटवा